“मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के “मैं तन्हा हूँ शायद इसलिए, क्यों की दिल नहीं भरोसा टूटा है।” आह-ओ-ज़ारी ज़िंदगी है बे-क़रारी ज़िंदगी Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the very best YouTube https://youtu.be/Lug0ffByUck